दुर्घटना से बचाव के उपाय (Preventive Method of Accident )-
Safety के post पर काम कर रहे employees को एक्सीडेंट से बचने के अनेकों उपाय ढूंढने होते हैं,जिससे workplace पर होने वाले accident से आसानी से बचा जा सके, और जिनते भी लोग कंपनी के अंदर काम कर रहे हैं उसको भी दुर्घटनों से बचाया जा सके.
इसके लिए HSE Department नए-नए तरीके ढूंढता है और अगर वह Best होता है तो उसे Workers के ऊपर लागू करता है.ऐसे में अगर rule को ठीक ढंग से implement कर दिया गया, और worker को मानने के लिए बाध्य कर दिया गया तो जो दुर्घटना की संभावना बनती है उसमे काफी हद तक कमी आ जाती है.
Preventive Method of Accident के नीचे 14 पॉइंट्स दिए गए हैं अगर इसको ठीक ढंग से follow किया जाए तो काफी हद तक Accident को control किया जा सकता है,तो आइये इसको विस्तृत में समझते हैं.
1.Safety Suggestion System(सुरक्षा सम्बंधित सलाह)-
इस Point के अंतर्गत कंपनी के किसी भी employee को safety से सम्बंधित सलाह देने की अनुमति होती है.इस बिंदु के अनुसार केवल safety का employee ही नहीं बल्कि company किसी भी employee के पास अगर किसी कार्य को करने का सबसे safe method पता है, तो वह बिना किसी हिचक के वह workers या अन्य किसी भी employees के साथ अपनी बातों को share कर सकता है.
2.Site Visit System –
वैसे तो कहा जाता है कि site visit system का अधिकार safety employees के पास होता है.Safety की दृष्टि से देखा जाए तो यह बात 100 प्रतिशत सत्य होता है, क्योंकि सुरक्षा की देख-रेख के लिए safety का employee समय-समय पर site visit करता है. जिससे site पर सुरक्षा से सम्बंधित कमियों को पूरा किया जा सके और साइट visit के दौरान अगर कोई भी कमी दिखती है तो उसे काफी हद तक पूरा भी करता है.
लेकिन कई परिस्थितियां विपरीत हो जाती हैं और safety supervision ठीक ढंग नहीं हो पाता है जिसके कारण accident कम होने के बजाय बढ़ता चला जाता है इसलिए safety manager से लेकर contractor और कंपनी के अन्य बड़े employees को समय-समय site visit करते रहना चाहिए जिससे की बिना किसी लापरवाही के safety supervision हो और safety डिपार्टमेंट हमेशा zero accident performance के लिए हमेशा active रहे.
3.Safety Training and Education(सुरक्षा ट्रेनिंग और उससे सम्बंधित शिक्षा)
Company के जितने भी employee होते हैं उन सभी को safety training देना अनिवार्य होता है की future में कभी भी safety के प्रति लापरवाही न दिखा सकें अगर हो सकते उस कार्य से सम्बंधित जितनी भी शिक्षा देनी हो वो प्रत्येक employee को देना चाहिए की अगर किसी टॉपिक्स पर उसकी पकड़ कमजोर हो वह उन कमियों को दूर कर सके जिससे भविष्य में mistake के chance कम बचे.
4.Daily Safety Tips (5 -15 minutes before starting the job)
हर रोज work start होने से पहले safety meeting अनिवार्य होता है,इस activity के अनुसार हम प्रत्येक employee को काम के दौरान होने वाले hazards से पूरी तरह अवगत कराते हैं और उस कार्य से सम्बंधित safety precaution के बारे में चर्चा करते हैं . इसके साथ-साथ उसके कोई न कोई motivational story सुनाते हैं जिससे की employee inspire हो सके और कंपनी की safety से related जो भी safety policy है उसको फॉलो करने में किसी भी तरह की कोताही ना बरते.
Site पर अक्सर देखा जाता है की जो safety employee, worker को motivate करने में सक्षम रहता है उसके location पर accident पर काफी हद तक control रहता है.इसलिए वर्कर लो motivate करने के लिए जो-जो हथकंडे अपनाने हो अपनाये जिससे साइट पर होने वाले एक्सीडेंट पर काबू पाया जा सके.
5.Safety Talk(सुरक्षा से संबन्धित बात )-
अगर कोई worker बात नहीं मानता है और site पर उससे अकेले मे भी सुरक्षा से संबन्धित बात कर सकते हैं, और उसके समस्या को सुनने की कोशिश करता हैं. अगर उसकी समस्या गंभीर हैं तो बेझिझक अपने सीनियर से इस बात की चर्चा करते हैं.
यही आप को लगता है की इस तरह कोई problem नहीं हैं तो जो दूसरों के लिए punishmentका प्रावधान है उसे दें फिर भी नहीं मानता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं किसी एक व्यक्ति के लिए आप सभी employees के जान को जोखिम मे नहीं डाल सकते हैं।
6.Tool box talk-
Tool Box Talk को अगर सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाये यह सुरक्षा के रीढ़ की हड्डी होती हैं।बिना इसके कभी भी company मे Safety का जो level का ऊंचा नहीं कर सकते। यह work start होने से पहले workers से अनौपचारिक रूप से सुरक्षा से संबन्धित चर्चा किया जाता हैं, वो भी जिस तरह का work होता है,उसी के अनुसार के संभावित खतरों और उससे संबन्धित सुरक्षा के बारे मे चर्चा किया जाता है।
7.Table Talk-
Table talk के दौरान HSE Department के Employee होते हैं,और अपने साइट पर होने वाले दुर्घटनाओं के बारे मे एक दूसरे से चर्चा करते हैं।यह भविष्य मे होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने मे काफी हद तक मददगार साबित होता हैं।
8. Discipline of work-
चाहे आप जिस designation पर हो discipline of work बहुत आवश्यक होता हैं। Safety field मे इसका महत्व इसलिए बढ़ जाता है,क्योंकि आप को workers से communicate करना पड़ता है उन्हे अपनी और कंपनी की safety policy के बारे मे समझना बताना होता हैं।
ऐसे मे अगर आप personal protective equipment को फॉलो नहीं करते हैं और दूसरों को फॉलो करने के लिए कहते हैं, तो ऐसे मे आप के बातों का महत्व कम हो जाता है और आप चाह कर भी खतरों कर काबू न पा सकेगे। क्योंकि आप ने खुद कंपनी के rules को अपने ऊपर implement नहीं किया है.
9.PPE Talk-
बिना personal protective equipment के बारे मे चर्चा किए आप एक step सुरक्षा के लिए नहीं बढ़ा सकते.TBT के दौरान हम PPE के बारे मे चर्चा करना एक तरह से कह सकते हैं की आनिवार्य होता है। TBT के दौरान जिस तरह का कार्य होता है,उसी तरह के PPE के बारे मे चर्चा करते हैं और प्रत्येक workers के PPE के condition को चेक करते हैं जो काफी हद तक खतरों से बचने के लिए मददगार साबित होता है।
10. Enforcement of Rules-
कई बार company मे किसी rule को employees से फॉलो कराने मे बड़ी समस्या होती है, और खासकर वहाँ जहाँ management का ढुलमुल रवैया होता है, तो ऐसे मे आप को rules follow कराने हो तो आप को सख्त होना पड़ता है, जिससे employee अपने carelessness के आदत से बाहर कर नियम को मानने के लिए बाध्य हो जाये।
11. Implementation of Rules by the Recommendation of Past Accident Report-
जब company के अंदर कोई भी एक्सिडेंट होता है तो सबसे पहले accident को investigate कर root causes पता करते हैं और नए नियम बनाते हैं फिर उस rules को कंपनी के अंदर implement करते हैं की future मे कोई भी accident repeat ना हो।
12.Use of Correct PPE’S-
कंपनी का कोई भी employee जब तक Correct PPE का प्रयोग नहीं करता है, तब तक किसी भी होने वाले दुर्घटना से नहीं बच सकता है। इसलिए safety के employee को TBT के दौरान correct PPE पहनने की सलाह तो देनी ही चाहिए, साथ ही साथ site visit करने मे यह देखना चाहिए की workers correct PPE’S के साथ काम कर रहा है या नहीं?
13.Job Safety Analysis-
इसके दौरान काम को छोटे-छोटे भागों मे बाँट लेते हैं और प्रत्येक Step मे hazards को identify कर उससे संबन्धित precaution देते हैं यह documentation work होता हैं।
14.Make a Daily Safe Work Permit on a presented Format as Per Safety Rule-
कोई भी कंपनी मे कार्य शुरू होने ने पहले Daily safe work permit का लेना ज़रूरी होता है बिना इसे लिए किसी को भी कंपनी के अंदर किसी भी तरह के कार्य को करने का permission नहीं होता हैं। यह भी documentation work होता है और बिना इसके अगर कोई worker कार्य करते हैं और accident हो जाता है तो उसके responsible खुद वही होंगे ना की company।
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