Back Injury Prevention Tips in Hindi

How to Prevent Back Injury ?-

इंडस्ट्री या कंस्ट्रक्शन साईट पर जब किसी मटेरियल को मैन्युअल हैंडलिंग किया जाता है तो उससे पहले उससे होने वाले खतरे के बारे में ट्रेनिंग दिया जाता है, ” जानते हैं क्यों ?” क्योंकि समान को उठाते समय जब सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया जायेगा तो back injury होने की पूर्ण संभवना रहती है.

मैन्युअल हैंडलिंग करते समय अधिकतर इस बात पर जोर दिया जाता है कि समान को कैसे सुरक्षित रूप से उठाना चाहिए. जब एक ही कार्य को बार-बार दुहराया जाता है तो ऐसे में उठाने वाले के शरीर में खिचाव या किसी विशेष स्थान पर अधिकतर जोर पड़ता है. खास कर कमर पर, अगर इससे निपटने का समाधान न ढूंढा गया तो यह back injury या ergonomics का कारण बन जाता है.

जब भी समान उठाते हैं तो कहा जाता है “अपने घुटनों को मोड़ें न की अपनी पीठ को मोड़ें”, और उठाते समय अधिक झुके नहीं. यह material को lift करने के लिए बहुत अच्छी सलाह में से होता है.

लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि यह कार्य करने के ढंग के बिल्कुल विपरीत है, लकिन समान उठाते समय back injury से बचने के सबसे उपयुक्त तरीका है.

Back Injury Safety Tips –

आइये back injury से बचने के लिए lift के दौरान उन सावधानियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें प्रयोग में लाने की अवश्यकता होती है. क्योंकि खतरों से बचने के लिए सावधानियों पर ध्यान देना सबसे अच्छा विकल्प होता है.

1. जितना हो सके भार को अपने नजदीक लायें  –

किसी material को उठाते समय यह देखना होता है कि कहीं व्यक्ति को अधिक झुकना तो नहीं पड़ रहा. समान शरीर से जितना अधिक दूर रहेगा उतना अधिक झुकने की अवश्यकता पड़ेगी. अगर भार उठाने के लिए अवश्यकता हो तो सबसे पहले नीचे बैठे, और समान को खिंच कर अपने दोनों पैरों के बीच लायें.

इससे सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह आप के शरीर के केंद्र के नजदीक ले जाता है और समान को lift करने वाले व्यक्ति को अधिक झुकना नहीं पड़ता है.

चूँकि आप के पैर की मांसपेशियां सबसे बड़ी मांसपेशियां है इसलिए इन्हें सबसे बड़ा उर्जा का उपभोक्ता माना जाता है. लेकिन बार-बार उठाना बैठना समान उठाने वाले विशेष व्यक्ति को थका सकता है, जिससे व्यक्ति किसी भी समान को झुक कर उठाने के लिए बाध्य हो सकता है.

जब व्यक्ति सामान को बैठ कर उठाता है तो उसे शरीर के साथ पूरा भार को ऊपर उठाना पड़ता है, जिसके कारण व्यक्ति जल्दी थक जाता है और भार उठाने वाले नियम के विपरीत चला जाता है. जो back injury का कारण बन जाता है.

इसलिए किसी समाना को बार-बार उठाना है तो mechanical handling का प्रयोग सबसे अच्छा विकल्प होता है.

2. अगर नीचे अधिक भारी वस्तु रखा है तो उसे उठाने से बचे –

अगर कोई समान बहुत भारी है और वह घुटने के नीचे है तो ऐसे समाना को उठाने से बचना चाहिए, क्योंकि समान उठाने के लिए व्यक्ति को झुकना पड़ेगा और सारा जोर कमर के ऊपर पड़ेगा. जिसे back injury होने की प्रबल संभवना हो जाती है. समान अगर जमा की गयी है और कन्धों के ऊपर है तो ऐसे समान को उठा सके हैं क्योंकि यहाँ झुकना नहीं होता है.

यदि आप को इस बात का संदेह है कि उठाने वाला समान क्षमता से अधिक भारी है और इसे आराम से नहीं उठाया जा सकता है, तो ऐसे सामान को कभी भी उठाने का प्रयास ना करें, क्योंकि यह जोखिमों को बढ़ावा देता है.

ऐसे कार्य के लिए mechanical handling को प्राथमिकता दें, या भारी सामान के उठाने के लिए किसी की सहायता प्राप्त करें. Back Injury का सबसे आम कारण ओवरलोडिंग हैं.

3. अपने पीठ को सीधा रखें –

जब भी किसी सामान को उठाना हो तो अधिक ना झुकें. समान को इस तरह से उठायें कि रीढ़ की हड्डी समान रूप से भार के विपरीत हो. क्योंकि जब रीढ़ की हड्डियों पर तनाव पड़ता है तो यही back injury का कारण बनता है. भार को उठाने के लिए झुकना तब स्वीकार्य होगा जब आप को पीठ पर अपने भार को रोकते हैं.

4. अपने दूर हाथ को बाहर की तरफ फैलाएं –

यही आप एक हाथ से समान को ढो रहे हैं तो जैसे- tool box कार्यस्थल पर ले जा रहे हैं तो खाली हाथ को अपनी जांघ के बाहर रखें. यह आप को किसी वस्तु के उठाने के पश्चात झुकने के बजाय सही back alignment बनाने में सहयोग प्रदान करता है.

किसी समान को उठाते समय side की तरफ झुकना उतना की खतरनाक हो जितना रीढ़ की हड्डी पर जोड़ पड़ने पर होता है. यह भी back injury के कारणों में से एक होता है.

5.अपने पेट के मांसपेशियों को कस लें –

यह तकनीकी आप को रीढ़ की हड्डी को मुड़ने से रोकने में सहयोग प्रदान करता है. यदि आप किसी भार को उठाकर दुसरे तरफ रखते हैं तो यहाँ पैर के movement पर विशेष ध्यान देना होता है. अर्थात समान को रखते समय अपने पैर को भी मोड़ना बहुत आवश्यक होता है.

ऐसा इसलिए करते हैं कि बार-बार एक कार्य को दोहराते हुए व्यक्ति सीधा नहीं हो पता है, कुछ समय के लिए शरीर का वह भाग  टेढ़ा रहता है जिस पर अधिक भर पड़ता है.

इस प्रवृत्ति को आसानी से दूर किया जा सकता है, यदि आप जिस स्थान से load सेट करते हैं और उससे एक कदम दूरी पर खड़े हो जाते हैं.

यदि आप back support belt पहन रहे होते हैं तो तभी पहने जब material को lift कर रहे हैं. जब कार्य खत्म हो जाये या विश्राम लें रहे हैं तो इसे ढीला कर दें.

6.अपने शारीरिक स्थिति को बनाये रखें –

अगर आप का पेट बाहर निकला है तो भार को शरीर केंद्र रेखा से हमेशा दूर रखता है. क्योंकि lift करने वाले व्यक्ति ना तो घुटनों के बल बैठ सकता है और ना ही समान को अपने दोनों पैरों के बीच रख सकता है, और समान को झुक कर उठाने में मजबूर होना पड़ेगा. कमर पर जोड़ पड़ने के कारण back injury के खतरे अधिक होते हैं.

जब आप किसी समान को उठाने के लिए झुकते हैं “Leverage Principle” के कारण जो भार होता है वह वास्तविक भर से 10 गुना बढ़ जाता है. जिससे रीढ़ की हड्डी पर अधिक भार पड़ता है और back injury के खतरे अधिक बढ़ जाती है.

7. कार्य से पहले शरीर को लचीला बनाने के लिए हल्का व्यायाम करें –

एक रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है शरीर दिन की तुलना में सुबह कम लचीलापन होता है. ऐसे में जब सुबह lifting का कार्य करते हैं तो back injury होने के खतरे बढ़ जाते हैं.

जब समान को उठाना होता है तो मांसपेशियों को गर्म करते हैं जो चोट से बचने में सहयोग प्रदान करता है. जितने भी professional lifter होते हैं उन्हें यह पता होता है, इंडस्ट्री में कार्य करने वालों को भी इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए, जिससे वह विशेष रूप से कार्य करते समय सावधानियों पर विशेष ध्यान दे सकें.

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