Crane Safety Hazards and Control Measures

Crane Safety in Hindi –

कार्यस्थल पर crane का उपयोग करते हुये खतरों से बचने के लिए employer के लिए crane safety कार्यक्रम को organize करना एक महत्वपूर्ण कदम होता है.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत crane से संबन्धित उन सभी संभावित खतरों को पहचान कर उनको कैसे कम किया जाए इस पर विशेष चर्चा किया जाता है.

किसी भी organization के अंदर crane के प्रयोग के दौरान कार्यस्थल सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि crane से संबन्धित होने वाली दुर्घटनाएँ कहीं अधिक भयावह हो सकती हैं. इसलिए कुछ प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हे crane safety plan में अवश्य शामिल किया जाना चाहिए.

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Types of Crane at Construction Site –

Working Site पर मुख्यतः पाँच प्रकार के crane का प्रयोग किया जाता है जो निम्न है.

  1. Crawler Crane with Fix Boom
  2. Mobile Crane
  3. Rough Terrain Crane
  4. Tower Crane
  5. Floating Crane

Common Crane Hazards –

Crane Operator या उसके आस-पास कार्य करने वालों को crane safety toolbox talk के दौरान यह बताया जाना चाहिए कि crane operation के दौरान समान्य करते क्या होते हैं. अगर वहाँ कार्य करने वालों को यदि संभावित खतरों या जोखिमों के बारे में पता होगा तो वहाँ कार्य कराने वाला प्रत्येक व्यक्ति यह देखेगा कि खतरों से बचने के लिए कौन क्या कदम उठा रहा है.

यहाँ हम कुछ ऐसे crane hazards के बारे में जानने वाले हैं जो crane operation के दौरान समान्यतः घटित होती हैं. यह दुर्घटनाएँ कितनी बार और कितनी गंभीर हो सकती हैं, कार्य से पूर्व इसकी कल्पना नहीं की जा सकती है.

  1. Electrical Hazards –

Crane का प्रयोग अधिक ऊँचाई पर किया जाता है, इसलिए crane को electrical power line से टकराने की संभावना अधिक रहती है. यदि crane गलती से power line से टकरा जाए तो कार्यस्थल पर कहीं अधिक भयानक स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

चूँकि crane metal का बना होता है इसलिए power line से टकराने के पश्चात उसमें current flow होने की प्रबल संभावना रहती है.

इसलिए जब भी कार्यस्थल पर crane को operate किया जा रहा हो तो जो भी operator है उसे प्रत्येक समय इस बात का ध्यान रहना चाहिय कि power line कहाँ और उससे कितनी दूरी पर है. Operator की थोड़ी से लापरवाही कहीं अधिक घातक सिद्ध हो सकती है.

2. Material Falling –

जो भी भार care से lift किया जाता है उस भार को ठीक से सुरक्षित करने की अवश्यकता होती है. लेकिन जब भार सुरक्षित रूप से उठा लिया जाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि लापरवाही दिखाया जाए, क्योंकि जब भार सुरक्षित होता है तब भी गिरने का जोखिम रहता है.

जब भी crane के माध्यम से किसी material को lift किया जा रहा हो तो crane के आस-आस किये जा रहे कार्य का संचालन बंद कर दिया जाना चाहिए और इस area को barricade कर देना चाहिए जहां material को lift किया जा रहा हो और उधर आना-जाना पूर्ण प्रतिबंधित कर देना चाहिए.

3. Overloading –

Crane उतना भार उठा सकता है कि आप देखकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं.  लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि वह जितना चाहे उतना भार उठा सकता है. भार उठाने की उसकी भी एक क्षमता होती है. Crane operator को यह पता होना चाहिए की जिस crane का वह operate कर रहा है उसकी load capacity क्या है? अर्थात वह करने कितना भार संभाल सकता है.

यदि किसी crane को  over load करते हैं अर्थात उसकी क्षमता से अधिक भार को उठाते हैं तो यह पलट सकता है या जो भार है वह गिर सकता है, जिसका एक विनाशकरी परिणाम हो सकता है.

4. Crane Movement (Pinch Point) –

Crane से भार को उठाने का यही उद्देश्य होता है कि उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर shift किया जाये अर्थात उसे स्थानांतरित किया जाये, इस कार्य के संचालन के दौरान crane को load के साथ मोड़ते हैं. इस दौरान अगर सतर्कता ना बरती गयी को यह crush या pinch point बन सकता है और चपेट में आने वाले व्यक्ति के साथ गंभीर खतरा हो सकता है.

5. Dropped Loads –

यदि crane पर लटका भार नीचे गिर जाए तो उसके नीचे जो भी है वह चूर-चूर हो जाएगा. कोई भी वस्तु जो अधिक भार रखता हो उसे ऊपर से गिरने पर किसी भी वस्तु के बुरी तरह से damage कर सकता है. इसलिए यदि PPE का प्रयोग भी किए हैं तो उसके आस-पास कार्य का संचालन बंद कर दें. क्योकि PPE ऐसे दुर्घटनाओं के रोकने के लिए नहीं होता है.

6. Inadequate Ground Preparation –

Crane को सुरक्षित रूप से संचालित करने के लिए एक ठोस और स्थिर रूप से foundation की आवश्यकता होती है.

  • यदि नरम जमीन (Soft Ground) पर crane का operation किया जाता है तो crane पलट सकती है.
  • यही पहाड़ी स्थल पर mobile crane का संचालन किया जा रहा है तो ऐसे में वह slid or tip कर सकता है

7. Poor Visibility –

कार्यस्थल पर जिस भी crane का संचालन किया जा रहा है तो उसकी सुरक्षा पूर्ण रूप से high visibility के ऊपर निर्भर करता है. Operator को संभावित खतरों को होने से पहले पहचानने में सक्षम होना चाहिए.

  • यदि operator को load नहीं दिख रहा है तो hook का boom tip से contact हो सकता है और यही स्थिति load fall का कारण बन जाएगा, जिससे वहाँ उपस्थित workers चोटिल हो सकते हैं.
  • यदि super structure को घुमाते समय operator उन्हे देखने में असमर्थ है तो workers को pinch point में फँसने की संभावना रहती है.

Crane Safety Precaution –

  1. Crane लगाने से पहले ground के condition को जाँच किया जाना चाहिए और अगर समतल नहीं है तो उसे समतल करने के पश्चात ही वहाँ करने लगाना चाहिए.
  2. Spread mate 1:2 के आकार में उपयोग किया जाता है.
  3. क्रेन के outrigger को पूरी तरह से बढ़ाया जाना चाहिए, manhole और खाइयों से इसकी दूरी 1 meter पर होनी चाहिए.
  4. Crane से कभी over load ना उठाएँ, हमेशा SWL (Safe Working Load) का प्रयोग करें.
  5. जब भी तेज हवा या बारिश हो रही हो तो कभी भी crane का संचालन नहीं करना चाहिए.
  6. क्रेन का उपयोग उसके क्षमता के 75% तक किया जाना होता है.
  7. जहाँ तक crane का swinging area हैं वहाँ तक barricading किया जाना चाहिए और जो भी प्रमाणित rigger है उसे छोड़ कर किसी अन्य व्यक्ति को barricading के अंदर जाने की अनुमति नहीं ना दें.
  8. Rigger को florescent jacket पहनना चाहिए.
  9. केवल rigger को ही crane operator को संकेत की अनुमति दें.
  10. लोड के swinging को नियंत्रित करने के लिए न्यूनतम दो टैग लाइन का प्रयोग किया जाना चाहिए.
  11. अगर load suspended है तो ऐसे में उसके नीचे या उसके पास किसी को जाने की अनुमति प्रदान नहीं करनी चाहिए, भले ही वह rigger क्यों न हो.
  12. Crane में reverse हॉर्न होना चाहिए.

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