Active and Reactive Monitoring in Hindi

Active and Reactive Monitoring –

किसी भी plant/industry के अंदर monitoring प्र्मुखता से किया जाता है, जिसका प्रमुख उद्देश्य information को इकट्ठा करना होता है, जिसमें observation or measurement, overtime आदि शामिल होता है। और यह management को उपलब्ध कराया जाता है। जिससे कार्य के दौरान होने वाले उतार चढ़ाव का observation किया जाता है और आवश्यकता पड़ने पर जहाँ सुधार की अवश्यकता होती है वहाँ सुधार किया जाता है।

Monitoring करने के लिए मुख्यतः दो तरह के method का प्रयोग किया जाता है –

1.Active Monitoring

2. Reactive Monitoring

इस तरह की activities को मुख्यतः health and safety के performance को मापने के लिए किया जाता है, जिसे industry के अंदर सुरक्षा और स्वास्थ्य संबन्धित होने वाले गलतियों को ठीक किया जा सके और उससे होने वाले नकारात्मक परिणामों जो heath और safety को प्रभावित करती हैं उसे दूर किया जा सके.

नीचे दिये गए कुछ बिन्दुओं के माध्यम से हम कंपनी के स्वास्थ्य और सुरक्षा संबन्धित performance को प्रदर्शित कर सकते हैं जो निम्नलिखित हैं

  • Under – Reporting के दौरान जब यह पाते हैं कि चोट और अस्वास्थ्य दर reward system से सम्बंध रखता हो.
  • कई बार company के अंदर कम injury का कारण भाग्य या फिर employee का कम होना भी हो सकता है, भले ही industry के अंदर अच्छे स्वस्थ्य और सुरक्षा का प्रबंध ना हो.
  • संस्था के अंदर injury rates कभी भी घटना के संभावित गंभीरता को नहीं दर्शाती है, यह केवल परिणाम को बताता है.
  • जो भी लोग घटना कि गंभीरता का आंकलन नहीं करते हैं वे उन्हे कार्य से दूर रखा जा सकता है, क्योकि कई बार ऐसे लोगों के major accident का कारण बन सकते हैं।
  • संस्था के अंदर management कि विफलता के कारण चोट एक क्रम में होता है, इसे लिखा जाना बहुत आवश्यक होता है.

Manage Health and Safety at Work Place

आइये संस्था के अंदर दोनों monitoring करने वाले method को अलग-अलग समझते हैं।

1. Active Monitoring –

Active Monitoring के दौरान हम किसी भी workplace पर hazards और risk को पहचानते हैं और उसका मूल्याँकन करते हैं, जिससे खतरों को नियंत्रित किया जा सके और जोखिमों को कम किया जा सके.  इसलिए  monitoring करने के पश्चात दुर्घटना को रोकने के लिए कार्य को संचालन करने के तरीके को design करते हैं, उस कार्य को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस बारे में विचार करते हैं और कार्य के संचालन कि निगरानी का प्रबंध करते हैं. इस प्रक्रिया को कार्य शुरू करने से पहले करते हैं.

इसे निम्न बिन्दुओं से समझते हैं-

  • Staff के द्वारा नियमित तौर पर परिसर के अंदर संयंत्र और उपकरणो का inspection किया जाता है.
  • संस्था के अंदर कार्य कर रहे staff को स्वास्थ्य संबन्धित किसी भी प्रकार कि समस्या ना हो इसलिए स्वास्थ्य निगरानी करना होता है.
  • जो भी मशीन कार्य के दौरान संचालन किया जाता है या परिसर के अंदर उपयोग में लाये जाने वाले मशीन के parts के जाँच की व्यवस्था की जानी चाहिए अर्थात इसका भी monitoring के लिए टीम का गठन होना चाहिए.

किसी भी industry के परिसर के अंदर active monitoring के विभिन्न स्तरों को निम्नलिखित बिन्दुओं से भी समझा जा सकता है।

a. Audit  –

एक संस्था के अंदर स्वास्थ्य और सुरक्षा के सभी पहलुओं पर active monitoring के लिए व्यापक रूप से एक स्वतंत्र audit प्रक्रिया शामिल किया जाना चाहिए. और बाद में उन प्रत्येक पहलुओं पर चर्चा किया जहाँ सुरक्षा के विरुद्ध कार्य किए जा रहे हों.

b. Inspection –

इस प्रक्रिया के द्वारा संस्था के अंदर नियमित या फिर किसी schedule के अंतर्गत संयंत्र और उपकरणो का निरीक्षण वहाँ उपस्थित स्थितियों की पहचान करता है. और सुरक्षा नियमों से वहाँ अनुसरण किए जा रहे सुरक्षा नियमों की तुलना करता है.

C. Safety Sampling –

Safety Sampling का प्रयोग specific area में दुर्घटना का आंकलन करने में उपयोग किया जाता है वो भी random sampling के द्वारा.

D. Safety Survey –

Safety survey के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुरक्षा से संबन्धित विस्तृत जांच और operation किया जाता है.

E. Safety Tour –

यह एक अनिर्धारित examination है जो किसी भी plant में सुरक्षा के स्तर को जाँचने के लिए किया जाता है, यह दौरा मुख्यतः safety representative के द्वारा किया जाता है.

F. Job Observation –

इसके अंतर्गत यह देखा जाता है कि workplace पर जिस भी कार्य का संचालन किया जा रहा है वहाँ कार्य के अनुसार precaution दिया जा रहा है या नहीं.

G. Health and Medical Surveillance –

इसमें तकनीकियों के माध्यम से रक्त और मूत्र का विश्लेश्र्न करते हैं, इसमें audio meter तकनीकी का प्रयोग भी करते हैं.

H. Environmental Monitoring –

इसका अंतर्गत हम कार्यस्थल पर noise और dust के level measurement करते हैं.

I. Benchmarking –

सामान प्रक्रियाओं में एक संस्था के विभिन्न पहलुओं कि तुलना किसी दूसरे संस्था से किया जाना और वहाँ कार्य के प्रदर्शन और जोखिमों के स्तर को मापना.

2. Reactive Monitoring –

जब किसी कार्य स्थल पर चीजें गलत हो जाती है तो ऐसे में उस स्थान पर स्वस्थय और सुरक्षा के बारे में निगरानी किया जाता है, खासकर उस स्थान पर जहाँ स्वस्थय और सुरक्षा से संबन्धित भविष्य में खतरे उत्पन्न होने की संभवना अधिक रहती है.

Reactive Monitoring तब तक किसी भी संस्था के लिए उपयोग में लाया जाने वाला एक valid tools है, जब तक सक्रिय निगरानी के माध्यम से कार्यस्थल पर जोखिमों को काफी हद तक कम ना कर दिया जाये.

भविष्य में हुये दुर्घटना से सीखते हुये अगर reactive monitoring किया जाता है तो यह और अधिक अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब होता है.

इसे निम्न दो बिन्दुओं से समझते हैं –

  • दुर्घटना एक व्यक्तिगत घटना भी हो सकती है, या एक खतरनाक घटना या फिर ऐसी घटना जिसमें किसी भी प्रकार की injury, illness, damages or property loss न हुयी हो लेकिन भविष्य में इसकी संभवना दिखती हो तो ऐसे स्थान पर reactive monitoring किया जाना चाहिए.
  • किसी भी घटना की बार-बार पुनरावृति होना या कह सकते हैं कि एक ही घटना से संबन्धित एकत्रित किए गए बहुत सारे data, जहाँ reactive monitoring करना अनिवार्य हो जाता है.

जो पहला बिन्दु है उसके अंतर्गत किसी भी घटना को report करते है और फिर उसको investigate करने के पश्चात उसे एक record के तौर पर रख लेते हैं.

दूसरे बिन्दु में हम आँकड़ों को इकट्ठा करते हैं और कार्य स्थल पर जोखिमों को कम करने के लिए इसका प्रयोग करते हैं.

Statistics –

संस्था के अंदर data एकत्र किया जा सकता है और सबको अलग-अलग report किया जा सकता है जैसे –

  • Accident
  • Dangerous Occurrences
  • Near Miss
  • Cases of ill- health
  • Complaints from the Workforce

Enforcement Action –

जितने भी संख्या में enforcement action होते हैं वह किसी भी संस्था के health और safety performance को संकेत करते हैं. और यह data किसी भी tender से पहले योग्यता और दावेदार प्रश्नावली में काम आ सकता है.

Civil Claim –

कई संगठन नागरिक दावों की संख्या और मूल्यों को प्रतिक्रियाशील उपाय के रूप में track करते हैं.

 

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