ILO-OSH 2001 Management System

ISO-OSH 2001 in Hindi –

ILO-OSH 2001 Management System एक स्वास्थ्य और सुरक्षा management system का एक स्पष्ट सारांश है, जिसे किसी भी organization के अंदर occupational, health and safety system को लागू करते समय ILO-OSH 2001 elements को ध्यान में रखना आवश्यक होता है.

किसी भी organization के अंदर कार्य स्थल पर स्वास्थ्य और सुरक्षा एक साझा ज़िम्मेदारी होती है, इसमें occupational safety और health safety management system, owner के साथ मिलकर program के माध्यम से risk को control तथा manage करने में सहयोग करते हैं.

इस कार्यक्रम के अंतर्गत श्रमिकों को कार्यस्थल के खतरों के बारे में अवगत कराया जाता है तथा उसके नियंत्रण के उपाय के बारे में जानकारी दी जाती है. इस जागरूकता के लिए उन्हे instruction और training प्रदान की जाती है.

Workplace पर स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहाँ उपस्थित श्रमिकों से यह पूछते हैं वे कार्य स्थल पर मौजूद जोखिमों को समझ गए हैं या नहीं और इन जोखिमों से बचने के लिए प्रयोग किए जाने वाले Personal Protective Equipment के उपयोगिता सहित अपनाए गए सुरक्षा उपायों के प्रासंगिकता को समझ गए हैं या नहीं.

ILO-OSH 2001 Elements –

ILO-OSH  2001 Management System को निम्नलिखित बिन्दुओं से समझते हैं.

1. Policy (Plan) –

Organization के अंदर इस तरह से योजना बनानी चाहिए जिससे employees के health और safety में सुधार हो सके. इसके लिए safety management system को उन चीजों का पता लगाना चाहिए जो गलत है या जिन्हे सुधार किया जा सकता है और इस समस्याओं को हल करने के लिए क्या प्रावधान हो सकते हैं इसके बारे में विचार करें.

दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि संस्था के अंदर health और safety को सभी स्तरों पर एक प्रमुख प्रतिबद्धता के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए.

2. Organizing –

किसी भी organization के अंदर health और safety को लेकर एक ऐसा framework तैयार होना चाहिए, जिसे senior manager, front line workers के साथ specialist staff भी पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हों.

3. Planning and Implementing –

किसी भी organization के अंदर कार्य शुरू करने से पहले स्वास्थ्य और सुरक्षा की विस्तृत व्यवस्था की जानी चाहिए. इसके अंतर्गत हम कार्य से पहले या फिर कार्य करते हुये risk assessment पर फोकस किया जाना चाहिए , इस बिन्दु का मुख्य concept यही है. कार्यस्थल पर risk assessment करने के पश्चात जहाँ implementation की आवश्यकता होती है वहाँ करते हैं और कार्य को सुरक्षित बनाने के लिए protective measure की व्यवस्था करते हैं.

4. Evaluation –

इसमें हम monitoring करने के नए-नए methods को खोज़ना चाहिए और जो भी व्यवस्थाएं हैं वह कितना प्रभावशाली हैं उसकी समीक्षा करनी चाहिए. इसे reactively monitor कर सकते हैं. जैसे –दुर्घटना और आकड़ों के आधार पर इसकी समीक्षा करें. या फिर कह सकते हैं कि सक्रिय रूप से जो भी inspection report है उसकी समीक्षा करें.

5. Audit –

Safety management system के सभी भाग proper work कर रहे हैं या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए safety management system की स्वतंत्र, व्यवस्थित और आलोचनात्मक examination की व्यवस्था की जानी चाहिए कि वे स्वीकार्य रूप से अच्छा कार्य कर रहे हैं या नहीं.

6.Action for Improvement –

Review process के दौरान organization के अंदर पहचानी गयी किसी भी तरह के कमी को दूर करने के लिए नीति बनाकर जितना जल्दी हो सके उसे कार्य स्थल पर implement कर देना चाहिए, जिससे कमी को जितना जल्दी हो सके दूर किया जा सके.

7. Continual Improvement –

Organization के अंदर कोई भी safety management system स्थिर नहीं रहता है बल्कि समय के साथ यह विकसित होकर उस संगठन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. और यह संगठन के अंदर इसलिए ही होता है कि वह organization को direct और indirect loss से बचाए.

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