Protective Devices for Electrical Hazards

Working site पर electrical work के दौरान electrical hazards की सम्भावना रहती है. ऐसे कार्य के दौरान या फिर ऐसे स्थान जहाँ electrical shock की सम्भावना रहती हैं वहाँ electrical hazards से बचने के लिए prevention के बारे में विचार करने की अवश्यकता होती है.

आज हम इस post के माध्यम से उस protective devices के बारे में बताने वाले हैं जिसका प्रयोग करने के पश्चात् electrical सम्बंधित injuries की सम्भावना कम रहती हैं.

आइये देखते हैं वह ऐसे कौन-कौन से devices हैं जिसके प्रयोग करने के पश्चात् electrical hazards की सम्भावना काफी हद तक कम हो जाती है अर्थात पप्रयोग करने के बाद जो risk का level होता है वह काफी हद तक नीचे चला जाता है.

1.Fuses –

  • इसका प्रयोग उपकरण की सुरक्षा के लिए किया जाता है. इसके प्रयोग से लोगों को electrical hazards से नहीं बचाया जा सकता है.
  • जब इसको लगाया जाता हैं तो circuit को जोड़ने के लिए हमेशा कमजोर लिंक का प्रयोग करने हैं कि short circuit या फिर high voltage के case में लिंक आसानी से टूट जाये. (समान्य भाषा में फ्यूज उड़ना कहते हैं )
  • इसे इस तरह से design किया जाना चाहिए कि जब current fuse के रेटिंग से जैसे अधिक हो तो wire के माध्यम से जो लिंक बना होता है वह पिछल जाए.
  • किसी भी उपकरण के प्रयोग करने के दौरान जितना electricity खर्च कर रहे होते हैं, fuse की रेटिंग हमेशा उससे अधिक होता चाहिए लेकिन इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि केबल में जितना current flow कर रहा है उससे current की रेटिंग कम होनी चाहिए.

2.Earthing –

  • जब Earthing करते हैं तो उसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है की व्यक्ति electrical shock बहुत ही minor हो जाता है.
  • जब अर्थिंग लगाते हैं तो यह fault current को circuit से जमींन तक बहुत कम resistance तक पहुँचता है.
  • जो outer metal होता है वह wire के द्वारा अर्थिंग से जुडा होता है, जो electrical hazard को  control करता है.
  • आमतौर पर पर यह fuse को उड़ा देता हैं जब कहीं circuit में fault होता है या उसमें क्षमता से अधिक current flow होता है.

3.Isolation of Supply –

  • Electrical power से circuit को दूर रखता है अर्थात वंचित करता है.
  • यह सुनिश्चित करना होता है जब किसी circuit को lock कर दिया गया है तो कहीं इसे फिर से सक्रीय (re-energised) तो नहीं किया जा सकता, जब तक lock system को n हटाया जाये.
  • अगर circuit पर locked का labelled लगा होता है तो वह clearly दिखता रहना चाहिए.
  • Circuit lock करने के पश्चात उसे test कर लेना चाहिए कि कहीं ऐसा तो कहीं कि lock करने के बाद भी उसमें current flow हो रहा है.
  • विद्युत् आपूर्ति को रोकने के लिए हमेशा lock out/tag out procedure को follow करना चाहिए.

4.Reduce and Low Voltage System –

  • Hand tools के लिए कभी भी 110 volte center-tape system के प्रयोग करने की  सुझाव देना चाहिए.
  • Circuit को is तरह से design किया जाना चाहिए जहाँ अगर shock लगे तो सिर्फ 55 volte से ज्याद न लगे लेकिन equipment में current कम से कम 110 volt तक flow करे.
  • 25 Volt तक कम की गयी system का प्रयोग अक्सर construction site पर प्रकाश की व्यवस्था के लिए किया जाता है.

5.Residual Current Devices –

  • Device को इस तरह से design किया जाना चाहिए जो electrical hazards से लोगों को बचा सके.
  • जब current leak कर रहा हो तो ऐसे में अवरुद्ध उत्पन्न हो जाए, जो व्यक्ति को electrical hazards से बचा सके.
  • इस device को समय –समय पर जाँच किया जाना चाहिए. क्योंकि यह electrical hazards से बचने के लिए लगाया जाता है ऐसे में यह properly work कर रहा है या नहीं.
  • यह बहुत sensitive -30 mA होना चाहिए

Double Insulation –

  • जहाँ current flow हो रहा होता है अर्थात जो live parts है उसे छूना नहीं चाहिए.
  • हमेशा ऐसे wire का प्रयोग करना चाहिए जिसमें double insulation हो.
  • अगर double इंसुलेशन नहीं हैं लेकिन अगर single insulation है लेकिन बनाते समय quality से किसी तरह से compromise नहीं किया गया है या कह सकते हैं की अच्छे रेटिंग का cable है तो उसे प्रयोग में लाना चाहिए.
  • अगर earth protection के लिए elimination की अवश्यकता है दिखती है तो उसे पूर्ण कर लेना चाहिए.

Electrical hazards से बचने के लिए उपर्युक्त उपायों का arrangement किया गया है फिर भी अगर किसी को electrical shock लगता है तो निमंलिखित action लेने की अवश्यकता होती है.

  • अगर किसी व्यक्ति को electrical shock लगा है तो उसे न छुएं.
  • सबसे पहले मदद के लिए लोगों को बुलाएँ.
  • जितना जल्दी हो सके, व्यक्ति को power supply से अलग करें.
  • एम्बुलेंस को कॉल करें.
  • बिजली के झटके लगने वाले व्यक्ति के सांस को चेक करें.
  • अगर सांस ले रहा है तो recovery position में लेटायें
  • अगर सांस नहीं ले रहा है तो तुरंत CPR देना शुरू कर दें.
  • अगर जल गया है तो उसका treatment करना शुरू कर दें.
  • Shock लगने से जो भी physical injury हुआ है उसका तुरंत ईलाज शुरू कर देना चाहिए.
  • यह सुनिश्चित हो लेना चाहिए की medical help obtained किया गया है या नहीं.

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