Burn Injuries Prevention

How to Prevent Burn Injuries –

Burn Injuries कार्य स्थल और घर पर होने वाला एक सामान्य बात है और थोड़ी सी लापरवाही जानलेवा साबित हो जाते हैं या फिर खतरों का कारण बन जाते हैं. जलने से होने वाले खतरों में सबसे ज्यादा नुक्सान त्वचा को होता है और कभी- कभी गंभीर क्षति का सामना करना पड़ता है.

ऐसे में घर या working site पर कार्य करते हुए जहाँ भी जलने की संभवना दिखती है उस स्थान पर इसे बचने के बारे में विचार करने की अवश्यकता होती है.

जहाँ तक चलने के कारण होने वाले चोटों की बात है तो यह अलग-अलग प्रकार की होती हैं. इसलिए ऐसे चोटों को वर्गीकृत किया जाता है जो आसानी से चोटों के गंभीरता को जाना जा सके.

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Burn Levels –

जलने से होने वाले चोटों को मुख्यतः तीन भागों में बांटा गया है, जिसे पहली डिग्री, दूसरी डिग्री और तीसरी डिग्री के नाम से जाना जाता है. पहली डिग्री मामूली चोट का संकेतक है और तीसरी डिग्री गंभीर चोट के परिणाम को बताती है.

a. First Degree Burns –

अगर जलने के कारण व्यक्ति का त्वचा लाल हो जाता है और फफोले नहीं पड़ते हैं तो यह first degree burns होता है.

b. Second Degree Burns –

व्यक्ति के जलने पर अगर चमड़ी मोटी हो जाती है और उस पर फफोले पड़ जाते हैं तो इसे second degree burns की श्रेणी में रखा जाता है.

c. Third Degree Burns –

व्यक्ति के जलने के कारण चमड़ी मोटी होने के साथ सफ़ेद दिखने लगती है तो यह third degree burns कहलाता है.

इसके अलवा fourth degree burns होता है जो third degree burns की तरह होता है और इसके सभी लक्षण इसमें शामिल होते हैं लेकिन इसमें व्यक्ति का जलन हड्डियों तक पहुँच गया होता है अर्थात हड्डियों तक फ़ैल चुका होता है.

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Cause of Burns –

वैसे तो burns के कई कारण होते हैं और इसमें से कुछ प्रमुख हैं जो निमं हैं –

  • बहुत से chemical ऐसे होते हैं जो skin के संपर्क में आने के पश्चात इसे जला देते हैं.
  • High Tension Voltage अर्थात बिजली के सम्पर्क में आने पर व्यक्ति जल जाता है.
  • अगर किसी गर्म या उबलते हुए पदार्थ के संपर्क में आने के पश्चात्
  • माचिस, मोमबत्ती या फिर किसी भी तरह के लपटों के सम्पर्क में आने पर कम या अधिक जलने की सम्भावना रहती है.

उपर्युक्त जितने प्रकार के जलन के बारे में बताया गया है यह इस बात पर निर्भर करता व्यक्ति किस तरह से पदार्थ से कितने देर तक उसके संपर्क में आया है. जो तीनों degree इसी बात पर निर्भर करती है.

Chemical और Electricity के संपर्क में आने के पश्चात जलने या चोटिल व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाने के आवश्यता होती है. क्योंकि कई बार शरीर के उपरी भाग में किसी भी प्रकार की क्षति नहीं दिखती है लेकिन वह अन्दर अधिक प्रभावित कर सकती है. भले ही त्वचा पर जलने का निशान हल्का-फुल्का क्यों न हो.

All Degree Burn Preventing –

वैसे से तो workplace पर जहाँ भी जलने की सम्भावना दिखती है ऐसे स्थान पर workers को burn safety के बारे में बताया जाता है और उससे बचके के जितने भी उपाय होते हैं वह सभी लागु किया जाता है.

इसके साथ कार्य स्थल को समय- समय पर मूल्यांकन करके जो भी कमियाँ होती है अर्थात जलने के जितने भी संभावित कारण नज़र आते हैं उन्हें तत्काल दूर किया जाता है.

फिर भी कुछ ऐसे work होते हैं जहाँ झलने की संभवना अधिक होती है, जैसे- Electrical work or Electrical Isolation Work, Danger Chemical Handling, Work near hot surface etc. ऐसे कार्यस्थल पर जलने से बचने के लिए श्रमिकों के साथ वहाँ उपलब्ध supervisor को चौकन्ना रहने की अवश्यकता होती है.

लेकिन घर पर कार्य करते हुए खुद को जलने तथा छोटे बच्चों को जलने से बचने के बारे में खुद विचार करने के अवश्यकता होती है. अगर थोड़ी सी तत्परता दिखाते हुए सावधानियाँ बरते तो काफी हद तक जलने की सम्भावनाओं को रोका जा सकता है.

आइये उन सावधानियों के बारे में जानते हैं जो जलने से बचाने में सहयोग प्रदान करता है –

  • जब भी खाना बन रहा है तो बच्चों को किचन में ना आने दें अर्थात उसे किचन से दूर रखें.
  • जिस बर्तन में खाना पक रहा है उसे हैंडल को हमेशा stove के पीछे की ओर रखना चाहिए.
  • कम से कम महीने में एक बार जितने भी smoke detector लगे हैं उनका निरीक्षण करना चाहिए.
  • रसोई घर में या उसके आस-पास fire fighting equipment लगा होना चाहिए.
  • अगर नहाने जा रहे हैं तो बिना पानी temperature को जांचे शावर के नीचे न खड़े हों.
  • माचिस और लाइटर को बच्चों के पहुँच से बाहर रखें
  • घरों के अन्दर MCB या ELCB को लगायें.
  • रसायनों को सुरक्षित जगह पर store करें और उनके पहुँच से खुद को दूर रखें. जब chemical का प्रयोग कर रहे हों तो हमेशा gloves का प्रयोग करें और यदि आवश्यक हो goggles को भी लगा लें.
  • बाहर निकल रहे हों तेज धुप से बचने के लिए सनस्क्रीन पहनें और बहुत आवश्यक हो तभी बाहर निकलें.
  • घर के अन्दर जितने भी धुम्रपान उत्पाद हों उसे पूरी तरह से हटा दें और किसी को भी घर के अन्दर धुम्रपान करने की अनुमति ना प्रदान करें.
Conclusion –

Burn injuries से बचने के लिए आग से बचने के योजना के बारे में विचार करना होता है और इसे लागु करना होता है. कार्यस्थल पर यह अधिक प्रभावी तभी होगा जब burn injuries से बचने के लिए नियमित रूप से अभ्यास किया जायेगा. आग से बचने के लिए घरों में अपने परिवार के साथ इसे नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए.

जब आग लगी और उसमें फंस गए हों और चरों तरफ धुआँ फ़ैल गया हो तो ऐसे स्थिति में रेंगना सुनिच्चित करें और रेंगते हुए बाहर आयें. इस तरह की प्रक्रिया से बाहर निकलने और आग में फंसने की संभवना खत्म हो जाती है और जो burn injuries की संभवना होती है उस पर भी विराम लग जाता है.

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