10 Points of Safety Committee Responsibilities

Define Safety Committee Structure –

Safety Committee को factory act 1948 के section 41G में रखा गया है. इसके पहले भाग में कहा गया है कि किसी भी organization के मालिक का यह दायित्व होता है की factory के अन्दर जहाँ भी खतरनाक प्रक्रिया का संचालन किया जाता है, या फिर जहाँ भी खतरनाक पदार्थों का उपयोग किया जाता है या संभाला जाता है तो ऐसे स्थान पर safety committee का गठन करना employer की जिम्मेदारी होती है.

Safety Committee Meaning in Hindi – ‘सुरक्षा समिति’ 

Definition of Safety Committee –

“Safety committee ऐसे लोगों का समूह होता है जिसमें workers के साथ-साथ employer होते हैं/होता है जो एक ऐसा कार्यक्रम बनाते हैं या निर्धारित करते हैं, जिसमें safety से सम्बंधित issues पर किया जा सके. इसी तरह के meeting को safety committee कहा जाता है.”

जहाँ तक इस committee के बैठकों की बात है तो monthly या फिर weekly किया जाता है या जब इसकी आवश्यकता पड़े तो इसे औपचारिक व्यवस्था होता है. यह organization/company में कितने कर्मचारी काम करते हैं उसके ऊपर पूरी तरह से निर्भर होता है.

इस meeting के अंतर्गत सुरक्षा समिति कम्पनी के अन्दर सुरक्षा सम्बंधित नियम बनाने और उसे कार्यक्रम को लागु करने की जिम्मेदारी management के साथ साझा करता है.

Safety committee द्वारा meeting करने का सबसे बड़ा तात्पर्य होता है कि company के अन्दर कार्य कर रहे employees के अन्दर safety culture को develop किया जा सके.

What is Safety Committee Responsibilities ? –

हम नीचे कुछ बिन्दुओं के माध्यम से यह जानने का प्रयास करेगें कि आखिर safety committee  बनाने का purpose क्या होता है? बनाने से आखिर organization को क्या फायदा होता है?

  1. Safety Committee के माध्यम से कार्यस्थल पर जो workers काम कर रहे होते हैं उनके health और safety को improve किया जाता है.
  2. सुरक्षा समिति का यह कार्य होता है कि training के माध्यम से वह managers , engineer और supervisor को सुरक्षा के लिए तैयार किया जाये अर्थात उनके अन्दर safety awareness लाया जा सके. क्योंकि ये सभी लोग workplace पर होने वाले दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्राथमिक जिम्मेदार होते हैं.
  3. इनका यह भी उद्धेश्य होता है कि health और safety से सम्बंधित समस्यों के बारे में चर्चा किया जा सके और उसका समाधान ढूंढा जा सके.
  4. Health और safety के बारे में workers और supervisor को जागरूक तो किया ही जाता है, साथ ही साथ heath और safety से सम्बंधित issues के बारे में इनसे बात करता है. इसके अलावा organization के अन्दर नए safety standard के बारे में बात करता है. और safety से सम्बंधित रिसर्च करता है, और जहाँ health और safety को लेकर समस्या दिखती है उसे दूर करने के लिए तत्परता दिखाता है.
  5. इसकी जिम्मेदारी होती है कि वह कार्यस्थल को inspect करे और safety audit कराये जिससे health और safety से सम्बंधित समस्याओं को दूर किया जा सके.
  6. इसका कार्य यह भी होता है कि कार्यस्थल पर safe work practices को विकसित कराये.
  7. यह incident, near miss को review करता है और इसके अलावा accident report को तैयार करने में सहयोग करता है. इसके अलावा जो दुर्घटना हुई है उसके होने वाले नुकसान की भी समीक्षा करता है तथा घटना पुनः repeat ना हो इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करता है.
  8. यह Committee जहाँ अवश्यकता होती है वहाँ cheklist के लिए प्रस्ताव रखता है और इसका निर्माण करता है या बनाने में पूर्ण सहयोग करता है.
  9. यह workplace पर किसी भी तरह के violence को रोकने के लिए विचार रखता है और अगर हो गयी तो समाधान के प्रक्रिया को तलाशता है.
  10. यह लिखित रूप से सुरक्षा कार्यक्रम को बनाता है, और रिव्यु के पश्चात् उसे लागू करता है. जिससे सुरक्षा में किसी भी प्रकार का चूक ना हो.

Safety Committee Members –

इसमें हम जानेगें की सेफ्टी कमेटी में कौन-कौन सदस्य होते हैं जो company के अन्दर heath और safety के लिए responsible होते है.

  1. जिस site पर कार्य चल रहा है वहाँ पर जो senior manager होता है उसे safety committee का सदस्य होता है या होना चाहिए.
  2. इसके सदस्य HSE Manager, HSE Engineer या फिर HSE officer भी हो सकते हैं. इसके कहने का तात्पर्य होता है की HSE department का उपर्युक्त कोई भी ईस team का सदस्य बन सकता है.
  3. Site पर जो department manager होता है चाहे वह civil या mechanical से सम्बन्ध क्यों ना रखता हो वह इस committee का सदस्य हो सकता है. इसके अलावा PMC ( Project Manager Committee) department से सम्बन्ध रखने वाला कोई भी इसका सदस्य बन सकता है. इसके अलावा company के अन्दर अन्य कोई department हो तो उसका कोई भी representative इसका सदस्य हो सकता है.
  4. Contractor या Contractor का कोई भी प्रतिनिधि इसका का सदस्य हो सकता है या होना चाहिए.

उपर्युक सभी safety committee के सदस्य होते हैं या हो सकते हैं. इसके अलावा safety committee को अगर लगता है कि इसमें किसी और member को रखने की अवश्यकता है तो safety committee में पूरी तरह से उसे रखने के लिए अर्थात safety committee का सदस्य बनाने के लिए आजाद होता है.

Conduct of Safety Committee Meeting –

Safety committee को इसलिए conduct किया जाता है जिससे company के अन्दर health and safety को improve किया जा सके. आइये देखते हैं की आप को safety committee meeting को किस तरह से conduct करते हैं और कौन-कौन से बिन्दुओं पर चर्चा करते है.

Safety Committee meeting के दौरान industry के अन्दर जितने भी संभावित खतरे होते हैं उसके बारे में discuss किया जाता है. यह industry के अन्दर जितने भी responsible person होते हैं उनके साथ इस विषय पर discuss करना होता है. Industry के अन्दर किस तरह से safety culture को बढ़ाया जाए इसके बारे में इस meeting में बल दिया जाता है.

आइये safety committee meeting के कुछ बिन्दुओं को बारे में जानते हैं.

  • सेफ्टी कमेटी मीटिंग करने से पहले safety committee का गठन करना अनिवार्य होता है. इसमें हर एक department का एक-एक responsible person होता है जैसा कि उपर्युक्त मैंने बताया है.
  • जब आप किसी industry में HSE professional के पद पर कार्य कर रहे होते हैं तो महीने के 1 से 5 तारीख के बीच safety meeting को conduct कर लिया जाता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है की responsible person के सामने जब महीने के शुरुआत में जब किसी सुरक्षा सम्बंधित issue पर बात किया जाता है तो उनके पास इसको short out करने के लिए पूरा महीना होता है.
  • अगर आप client pay role पर किसी company के अन्दर कार्य कर रहे होते हैं तो safety committee meeting का संचालन प्रत्येक हफ्ते में करना होता है. क्योकि बहुत सारे contractor एक साथ वहाँ पर कार्य करते हैं और बहुत सारी activities एक साथ संचालन किया जाता है, जिसके कारण बहुत सारे accident/incident, unsafe act, unsafe condition या फिर near miss होने की संभवना बनती है.

इसलिए जब जल्दी-जल्दी इसका संचालन किया जाता है तो सभी तरह के safety issue पर हमेशा बात किया जाता है  और उसका समाधान ढूंढा जाता है.

  • सेफ्टी कमेटी मीटिंग करने से पहले प्रत्येक department को इसके बारे में सूचित करना होता है और यह सुचना official  email के द्वारा किया जाता है. क्योंकि पहले सुचना मिलने पर ही वह safety committee को attend कर पायेगें.
  • जो सेफ्टी कमेटी मीटिंग की जानकारी e-mail के द्वारा प्रत्येक department को भेजा जायेगा उसमें safety meeting date, time, exact location के बारे में बताना आवश्यक होता है.
  • सुरक्षा समिति मीटिंग को arrange करने से पहले एक blank paper पर उन बिन्दुओं के बारे में लिख लेना होता है जिसको meeting के दौरान discuss करना होता है, जिससे की कहीं महत्वपूर्ण बिंदु ना छूट जाए.

आइये देखते हैं safety committee meeting में किन बिन्दुओं के बारे में discuss करना होता है –

  1. सुरक्षा समिति मीटिंग में सुरक्षा से संबधित जितने भी बिंदु होते हैं उसके बारे में discuss किया जाता है.
  2. Industry के अन्दर जितने भी unsafe act और unsafe condition होते हैं जो उस पर विस्तृत ररूप से बात किया जाता है.
  3. पिछले महीने में जितने भी accident/incident, near miss हुए होते हैं उनसके बारे में बात करना होता है.
  4. Industry के अन्दर जितने भी minor/major injuries होते हैं उसके बारे में meeting में आये सभी लोगों को अवगत कराना होता है.
  5. Company के अन्दर सुरक्षा को लेकर जो भी बदलाव होने वाले हैं या किया जाना आवश्यक है उसके बारे में सबको अवगत करना होता है.
  • जब safety committee meeting खत्म हो जाये तो जितने लोग वहाँ उपस्थित हैं उन सबका attendance के साथ signature लेना आवश्यक होता है. और इसे file में maintain करना होता है.
  • जब आप unsafe observation को लेकर किसी एक department के responsible person के साथ discuss कर रहे हो तो उसी समय उस person को observation close करने का target date देना आवश्यक होता है.
  • जब meeting ख़त्म हो जाए तो उसमें जितने भी बिन्दुओं पर discuss किया गया है उसका MOM (Minutes of Meeting) sheet बनाना होता है और उसे प्रत्येक department को भेजना होता है जिन्होंने safety committee meeting में participate किया था.

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