What is Principle of Fire ? –
किसी भी संस्था को आग जैसे खतरों से बचाने के लिए principle of fire के बारे में जानना आवश्यक है. जब तक इसके बारे में नहीं जानेगें तब तक कार्यस्थल पर आग लगाने वाले कारक को नहीं ढूंढ पायेगें.
“आग एक संभावित खतरा है तो जीवन और सम्पति को खतरे में डाल सकता है.”
जब कहीं भी आगजनी होती है तो उसके पीछे कोई न कोई कारण होता है, जो जीवन और संपति को नुकसान पहुँचाता है.
जब हम किसी संस्था में कार्य तो हमने आग से बचने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और हमें सतर्क रहने के प्रति भी अवगत कराया जाता है.
लेकिन हम कार्य कार्यरत नहीं होते हैं या इसे संस्था में कार्य करते हैं जहाँ लोगों को आग प्रति जागरूक नहीं है तो ऐसे स्थानों पर आग लगने पश्चात अधिक जान-माल के नुकसान की संभवना रहती है. इसलिए चाहे जहाँ भी रहे हमने आग के प्रति सतर्क रहने की अवश्यकता होती है.
गर्मी के दिनों में हमें समाचार पत्रों या फिर टेलीविज़न के माध्यम से गाँव सुदूर इलाकों में आग लगने के बारे में पता चलता है, जो लाखों करोड़ों की समाप्ति को स्वाहा कर देता है.
जिस स्थान पर आग लगी है अगर उसके कारणों के बारे में जायेगें तो यही पायेगें कि आग के प्रति जागरूक न होने के कारण आग लगी है. इसलिए आवश्यक है की इसके प्रति जागरूकता लायें तब हम कहीं जाकर आग लगने के कारणों पर विराम लगा सकते हैं.
Principle of Fire Example –
यहाँ हम कुछ ऐसे आग लगने के कारणों के बारे में जानेगें जो आस-पास ही नहीं बल्कि यदि आप किसी संस्था में कार्यरत हैं तो यह आग लगने के प्रमुख कारणों में होता है. जो निमं हैं-
1. Electrical Fault –
किसी संस्था या घरों में आग लगने के कारणों का पता किया जाये तो सबसे पहला कारण electrical fault होता है. क्योंकि जब electrical fault होता है तो चिंगारी निकलती है और अगर उसके आस-पास किसी भी तरह का ज्वलनशील पदार्थ है तो वह आग लगने का कारण बन जाता है.
Electrical fault होने का प्रमुख कारण –
- हाउस वायरिंग ठीक से ना होना (Poor Connection)
- यदि वायर कटा, पिटा है तो उसे प्रयोग में लाना (Damage Insulation)
- हॉउस वायरिंग में जिस भी वायर का प्रयोग किया गया है उसके क्षमता से अधिक प्रयोग में लाना.
2. Smoker’s Storage of Material –
अगर संस्थान के अन्दर धुम्रपान डब्बे की व्यवस्था नहीं की गयी है तो धुम्रपान करने के पश्चात् शेष बचे को डब्बे में न डाल कर कहीं भी गिरा दिया जायेगा तो यह आग लगने का कारण बन सकता है.
किसी संस्था में अगर धुम्रपान स्थान निर्धारित किया गया है तो वहाँ smokers storage होना अनिवार्य होता है, अन्यथा आग लगने के सम्भावना प्रबल हो जाती है.
3. Unsafe Storage of Material –
किसी भी ज्वलनशील पदार्थ को अगर सुरक्षित जगह पर नहीं रखा गया है तो कभी भी वह source of ignition के सम्पर्क में आ सकता है जो आग लगने का कारण बन सकता है. इसलिए जब भी किसी ज्वलनशील पदार्थ को कहीं रखा जा रहा है तो उन सभी संभावनाओं को देख लेना चाहिए जो आग लगने का कारण बन सकता है .
जब भी material जो store करते समय यह देखना होता है कि कहीं इसे unsafe place पर तो store नहीं किया गया है जो आग लगने की संभवना व्यक्त कर रहा हो. Unsafe place पर store किया गया material आप के जीवन और सम्पति को नुकसान पहुँचा सकता है.
4. Hot Works (Welding, Gas Cutting, Grinding) –
Industry के अन्दर जहाँ भी hot works होता है वहाँ आग लगने की संभवना सबसे अधिक होती है, क्योंकि जब भी hot work किया जाता है उससे निकलने वाले spatter अगर किसी ज्वलनशील पदार्थ के सम्पर्क में आते हैं तो आग लग सकती है.
ऐसे स्थान पर जहाँ Welding, Gas cutting, Grinding आदि किया जा रहा हो तो यह देखना होना है कि उस कार्यस्थल पर proper housekeeping है या नहीं. और वहाँ यह भी देखना होता है कि आस-पास किसी भी प्रकार का ज्वलनशील पदार्थ तो नहीं है.
अगर ज्वलनशील पदार्थ उपलब्ध है तो उसे वहाँ से हटा देना चाहिए अर्थात कार्य वाले स्थान से कम से कम 10 मीटर दूरी पर रखा जाना चाहिए.
जहाँ भी hot work हो रहा हो उस स्थान पर आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन उपकरण प्रयाप्त मात्रा में होना चाहिए, जिसे आपातकालीन के समय प्रयोग में लाया जा सके.
5. Misuse of Electrical Equipment –
Electrical Equipment का प्रयोग करते समय यह देखना आवश्यक होता है कि कहीं उसका misuse तो नहीं किया जा रहा है. अगर उसका दुरूपयोग किया जा रहा है तो फिर वह आग लगने का कारण बन सकता है.
जैसे- किसी भी इलेक्ट्रोनिक उपकरण का प्रयोग क्षमता से अधिक किया जा रहा है या उस पर अवश्यकता से अधिक load दिया जा रहा है तो गर्म होने के पश्चात उसमें आग लग सकती है या spark हो सकता है. और यदि वहाँ किसी भी प्रकार का ज्वलनशील पदार्थ है तो आग लग सकती है.
6. Oil Gas and Heating Equipment –
जिस स्थान पर oil और gas को store किया गया है तो ऐसे स्थान पर जितने भी source of ignition की संभवना होती है उसे खत्म किया जाना चाहिए और ऐसे स्थान पर fire fighting के लिए जितने भी संसाधन हो सके वह उस स्थान पर उपलब्ध रहना चाहिए.
जहाँ तक heating equipment की बात है, यह जहाँ भी उपलब्ध हो वहाँ सभी ज्वालाशील पदार्थ हो हटा देना चाहिए, गर्म उपकरण के संपर्क में अगर कोई ज्वलनशील पदार्थ आता है तो वहाँ लगना सुनिश्चित है.
7. Portable Heaters –
इसका प्रयोग हम कहीं भी आसानी से करने लगते हैं, लेकिन यह अधिकतर घातक साबित हो जाता है. इसका प्रयोग करते समय इस बात पर ध्यान देने होता है कि कहीं आस-पास ज्वलनशील पदार्थ तो नहीं, अगर है तो पहले उसे कहीं shift कर लेना चाहिए फिर उसके बाद प्रयोग कर लेना चाहिए.
8. Use of Flammable Liquids or Gases in Unsuitable Area –
ऐसे स्थान पर जहाँ source of ignition की सम्भावना हो, उस स्थान पर कभी भी flammable liquids या gases का प्रयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि यह उच्च ज्वलनशील पदार्थ होते हैं जो एक चिंगारी के संपर्क के आने के पश्चात् तेजी से जलने लगते हैं. और यह हमारे जीवन को सम्पति अधिक खतरे में डाल सकते हैं.
9. Mechanical Heat –
Mechanical heat भी principle of fire का उदाहरण है. कई बार किसी मशीन पर आवश्यकता से अधिक load देते हैं या फिर machine को लगातार कई घन्टों तक चलाते हैं तो वह चलते-चलते गर्म हो जाता है और साइलेंसर के माध्यम से spatter निकलने लगता है जो घातक साबित हो सकता है.
मशीन में किसी भी प्रकार के technical fault के कारण कारण अगर फ्रिक्शन होता है या किसी कारण बस मशीन में spark होने लगता है और आस-पास कोई ज्वलनशील पदार्थ हो या मशीन से fuel का रिसाव हो रहा हो तो आग लगने की सम्भावना बढ़ जाता है.
Conclusion –
Principle of Fire के उदहारण से यह बात स्पष्ट हो गया है कि आग लगने के मुख्य स्रोत और हमें ऐसे स्थान पर किस तरह के prevention की आवश्यकता होगी यह कार्यस्थल के ऊपर भी निर्भर करेगा. लेकिन हमें कार्यस्थल पर आग लगने की सम्भावना का आंकलन करना है और उसे दूर करने के लिए तत्परता दिखना है.
इसे भी पढ़ें –
Fire Prevention and Protection | आग से बचने के उपाय
Types of Fire Fighting Equipment
Types of Fire in Hindi या Fire Kya Hai