Heat Illness Safety Topics

Heat Illness Safety Tips –

अत्यधिक गर्मी या गर्मी के बीमारी (Heat Illness) के सम्पर्क में आने के कारण देश भर में प्रत्येक वर्ष हजारों श्रमिक बीमार हो जाते हैं. इसमें से कुछ इतने अधिक बीमार हो जाते हैं कि उनकी मृत्यु भी हो जाती है.

Heat Illness के बीमारी के लगभग 60 से 70 प्रतिशत मामले गर्म वातावरण में काम करने के कारण होते हैं. अधिकतर घटनाएँ तब होती हैं जब कार्यस्थल पर गर्मी से बचने के लिए श्रमिक के सुविधाओं का आभाव होता है.

अगर गर्म वातावरण में कुछ दिन तक सुविधाओं के आभाव में कार्य किया जाये तो यह स्थिति उत्पन्न होती है. Heat Illness के कुछ उदाहरण में heat stroke, heat exhaustion और heat rash शामिल हैं.

Heat Illness की समस्या तब उत्पन्न होती है जब नयी परिस्थितियों में समायोजित करने करने का समय कम होता है, या फिर शरीर पर पहने गए कपड़े अगर वातावरण के अनुकूल नहीं है तो यह जोखिमों को बढ़ा सकते हैं.

ऐसा नहीं की गर्मीं बिमारी को रोका नहीं जा सकता, यदि  workers जो बाहर काम करते हैं तो heat illness या गर्मी की बीमारी  से बचाने के लिए employer को कुछ सुविधाएँ कार्यस्थल पर उपलब्ध कराना होता है, जो कार्यस्थल पर गर्मीं से सम्बंधित बिमारियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

1. Enough Drinking Water at Working Site –

अधिक गर्मीं में कार्य करते समय हाइड्रेशन की संभवना रहती है, इसलिए कार्य से पहले हाइड्रेशन योजना का निर्माण करना होता है. जिसके अंतर्गत workers को प्रति घन्टे कम से कम एक चौथाई पानी उपलब्ध करना चाहिए. आइये इसे उदाहरण से समझते हैं.

यदि कोई व्यक्ति 8 घंटे के शिफ्ट में कार्य कर रहा है  और वहाँ कार्य करने वाले 10 व्यक्ति हैं कार्य कर रहे हैं तो प्रत्येक व्यक्ति एक एक चौथाई के हिसाब से वहाँ 80 क्वाटर या 20 गैलन पानी की अवश्यकता होगी.

यह निर्धारित करने के लिए अत्यधिक गर्मीं में कार्य करने के लिए कार्यस्थल पर कितने पानी की अवश्यकता होगी तो इसे निकालने के लिए निमं सूत्र का प्रयोग कर सकते हैं.

Formula (सूत्र) –

लोगों की संख्या x घंटे काम करने की संख्या x 1 क्वार्ट्स प्रति घंटे x 0.25 (क्वार्ट्स से गैलन में बदलने के लिए) =

यदि एक बार में पूरा पानी उपलब्ध नहीं करा सकते तो यह सुनिश्चित कर लेना होता है कि प्रत्येक दिन पानी भरना संभव होगा या नहीं. अगर समय से पानी उपलब्ध करा दिया जाता है तो कार्यस्थल पर कर्मचारियों को पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें. यह heat illness से बचने में प्रमुख भूमिका निभाता है.

जो कार्यस्थल पर पानी उपलब्ध है –

  • वह निशुल्क होना चाहिए
  • जहाँ श्रमिक कार्य कर रहे हैं उनके बहुत नजदीक होना चाहिए.
  • पानी fresh होना चाहिए.
  • पानी शुद्ध होना चाहिए.
  • उपयुक्त रूप से अच्छा होना चाहिए.

2. Plenty of Shade –

लगातार गर्म वातावरण में कार्य करना भी heat illness का कारण बन सकता है. इसलिए जहाँ तापमान अधिक होता है वहाँ कुछ अंतराल के पश्चात cool-down आराम की अवधि होती है.

जिस स्थान पर भी कार्य हो रहा है वहाँ छाया अर्थात आराम करने का स्थान बहुत नजदीक होना चाहिए और आराम करने वाले सभी लोगों को समायोजित करने के लिए पर्याप्त रूप से छाया होना चाहिए.

Cool-down आराम करने की अवाधि कम से कम 5 मिनट होना चाहिए और उन श्रमिकों पर ध्यान देने की अवश्यकता होती है जिन्हें गर्मी से होने वाले बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं.

यही कोई heat illness से सम्बंधित शिकायत करता है तो तुरंत action लेने की अवश्यकता होती है अर्थात व्यक्ति को तुरंत first aid या आपातकालीन चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना चाहिए. किसी भी तरह की लापवाही घातक सिद्ध हो सकता है.

यही बाहरी तापमान 80 डिग्री से ऊपर है और यही कोई workers अनुरोध भी नहीं करता है तो फिर भी वहाँ heat illness से बचने के लिए पर्याप्त छाया उपलब्ध होना चाहिए. उस कार्यस्थल पर building या पेड़ कर्मचारी को छाया प्रदान कर सकते हैं.

यदि प्राकृतिक छाया उपलब्ध ना हो तो pop-up canopies या फिर shade trailers कार्यस्थल परछाया के लिए प्रयोग में ला सकते हैं.

3. An Emergency Plan –

यदि किसी कर्मचारी के अन्दर heat illness की बीमारी का लक्षण दिख रहा है तो उसे तुरंत मदद की अवश्यकता होती है. जो सहकर्मी होते हैं उन्हें उन्हें तुरंत करवाई के लिए तैयार रहना होता है. उन्हें निमं steps का अनुसरण करना होता है.

a. सहकर्मियों को तुरंत आपातकालीन चिकित्सा प्रकिया के लिए कॉल करना.

b. किसी भी रिमोट एरिया में आपातकालीन दल आने पर मार्गदर्शन के लिए प्रवेश द्वार पर किसी को भेजना.

c. जो भी श्रमिक प्रभावित है उसकी निगरानी करना और सहायता प्रदान करना. जैसे- प्राथमिक चिकित्सा, ठण्ड करने में सहयोग करना, पैरों को ऊपर उठाना और जो मोटे कपड़ों को निकालना या भारी कपड़ों को ढीला करना.

d. प्रभावित श्रमिक को छाये और हवादार स्थान पर लेटना और पानी धुन खोजने में सहायता प्रदान करना.

e. जो स्थिति है उसके बारे में management को सूचित करना.

4. Plan to Help Your Employees –

किसी भी नए स्थान पर workers को गर्मीं में adjust करने या समायोजित होने में 14 दिन का समय हो सकता है. कर्मचारी को किस तरह से समायोजित करना है इसके लिए उन्हें training देना बहुत महत्वपूर्ण होता है. जो श्रमिक कार्य कर रहे हैं उन्हें गर्म मौसम में समायोजित करने के लिए नीचे दिए गए steps का अनुसरण करना होता है.

  • जो कार्य होता है उसके समय अवधि में कटौती करना या फिर कार्य के shift को बदलना. अर्थात अगर कार्य रात में संभव हो तो रात के समय ही समापन करना.
  • एकाएक कार्य का भार श्रमिक पर ना डालना,और धीरे-धीरे उनके duty में वृद्धि करना. क्योंकि कर्मचारीयों की उसकी आदत हो जाएगी.
  • कर्मचारी को हल्के और ढीले-ढाले कपड़े पहनने के लिए कहना, लेकिन यह केवल heat environment के लिए है. जहाँ pinch point की सम्भावना हो वहाँ ढीले कपड़े पहनने की अनुमति न देना.

अगर बहुत्र अधिक गर्मी पड़ रही है तो बाहर कार्य करने वाले employees की निगरानी करना, विशेष रूप से उन workers के जो लंबी छुट्टी से आ रहे हों वह भी ठंडी जगहों से.

5. Heat illness prevention training –

जिस स्थान पर कार्य हो रहा हो उस स्थान पर heat illness जैसी बीमारी का खतरा हो तो कार्य शुरू होने से पहलें, वहाँ कार्य करने वाले सभी employees को training दिया जाना चाहिए. जो भी प्रशिक्षण दिया जा रहा हो वह गर्मी की बीमारी से बचने और उससे सम्बंधित जो योजना बनाई गयी हो उसके अनुरूप होना चाहिए.

ट्रेनिंग के अंतर्गत निमंलिखित बिन्दुओं को शामिल किया जाना चाहिए –

  • जो भी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं,अगर उनके आस-पास कोई सहकर्मी गर्मी की बीमारी से पीड़ित है तो उसके लक्षणों को कैसे पहचाने.
  • कर्मचारियों को कार्यस्थल पर कौन से कारक हैं जो temperature और humidity को बढ़ा सकते हैं या प्रभावित कर सकते हैं.
  • गर्मी के बीमारी के कितने प्रकार हैं यह बताया जाना चाहिए.
  • कार्यस्थल पर अगर आपातकालीन सेवा या प्राथमिक चिकित्सा की अवश्यकता हो उसे कैसे execute करें, यह training में बताया जाना चाहिए.
6. A Written Heat Illness Prevention Plan –

गर्मी की बीमारी की रोकथाम योजना का होना केवल श्रमिक के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण नहीं है और यह कानून के द्वारा भी निर्देशित किया गया है.

जो भी योजनायें हैं वह क्षेत्रीय भाषा में लिखा होना चाहिए और इसे कार्यस्थल पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए और प्रदान करने के लिए विशिष्ट प्रक्रियाओं की रूप रेखा तैयार की जानी चाहिए जो निमंलिखित है.

  • पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होना चाहिए.
  • अधिक तापमान में कार्य करने वाले स्थान पर आराम के लिए छाया उपलब्ध होना चाहिए.
  • आपातकालीन के दौरान प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए?
  • गर्मी को समायोजित कैसे किया जाये यह लिखित प्लान का एक हिस्सा होना चाहिए.
  • कार्यस्थल पर किस तरह का training दिया जाना चाहिए, यह भी लिखित plan में होना चाहिए.
Conclusion –

जब तापमान 95 डिग्री या उससे अधिक हो जाये तो ऐसे स्थान पर heat illness सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है और गर्मी से होने वाले बीमारी के लक्षणों के बारे में सभी कर्मचारियों को अवगत कराना चाहिए.

गर्मी के बीमारी के लक्षणों को समीक्षा के लिए एक प्री-शिफ्ट मीटिंग आयोजित करना और कर्मचारियों को कितने समय लगातार कार्य के दौरान break देना तय हो.

अगर तापमान बहुत अधिक है और ऐसे में श्रमिकों द्वारा काम करना उनके सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. गर्मी से बचने के लिए जो भी सुरक्षा सम्बंधित मीटिंग हो उसके रोकथान योजना की समीक्षा करना बहुत ज़रूरी होता है. यही समीक्षा उन्हें सुरक्षित रहने में सहायता प्रदान करता है, क्योंकि समीक्षा के दौरान कमी होने के पश्चात उसे दूर किया जाता है

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