Accident Incident Investigation Procedure Template in Hindi

Accident investigation किसी भी दुर्घटना के root cause (मूल जड़) के पता करने का एक माध्यम होता है.जिससे हम working site पर हुये injury, loss और property damage के बारे में पता करते हैं और उससे बचने का उपाय ढूँढते हैं कि पुनः future में यह दुर्घटना घटित न हो.

Why is it Important(यह important क्यों है)-

Accident investigation हमें यह बताती है कि accident का real cause क्या है कि कोई घटना घटित क्यों हुयी जिससे future में रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाया जा सके.

Cause of Accident Investigation-

1.जब हम accident investigation करते हैं तो एक process develop करते हैं –

  • जिससे fact को पता किया जा सके न की fault को ढूँढा जाये.
  • इसमें हम root cause को निश्चित करते हैं कि घटना क्यों घटित हुयी.
  • Root cause पता करने के बाद जिस बदलाव कि ज़रूरत पड़ती है वह करते हैं कि भविष्य में पुनः यह दुर्घटना घटित न हो सके.

2.एक policy बनाते हैं जिसमें यह तय करते हैं कि छोटी और बड़ी दुर्घटना केकारण को जाने.अन्यथा कई बार छोटी दुर्घटना बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाती है.इसलिए ज़रूरी होता है कि छोटी दुर्घटना को उसी energy के साथ investigate करें.

3.अगर accident investigation के दौरान यह पाते हैं कि दुर्घटना का जिम्मेदार tools का न होना है तो accident investigation conduct करते समय उसे तुरंत उपलब्ध कराएँ.

4.जब accident investigation का audit चल रहा हो तो उसे अपने समय से complete करने के लिए प्रतिबद्ध हो जाएँ तथा यह देख लें कि उस दुर्घटना से संबन्धित प्रयाप्त रूप से information collect किया गया है या नहीं.

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How do you do Accident Investigation (Accident Investigation को कैसे Investigate करें)-

जब working site पर दुर्घटना हो तो उसे जितना जल्दी हो सके investigate करें और एक समय निर्घारित करें और उसी समय के अंदर accident को investigate कर लें.इससे यह फायदा होता है कि accident का root cause पता हो जाता है और हम जल्द से जल्द उस दुर्घटना के prevention के बारे में सोचते हैं कि पुनः दुर्घटना future में घटित न हो.

नीचे यहाँ कुछ points बताना चाहेंगे जो accident investigation के दौरान उससे संबन्धित information ढूँढने की कोशिश करते हैं –

a–सबसे पहले आप को दुर्घटना का कारण निर्धारित या निश्चित करना होगा.

b- Accident पुनः भविष्य में न हो इसके लिए प्रयास करें.

c-Future में कानूनी कारवाई के मामले में company का या व्यक्तिगत responsibility को निधारित करें.

d- जब accident investigate  कर रहे हो तो इस बात को भी निर्धारित कर लें कि जो item damage हुआ है उसको repair करना है या replacement.

e-जब दुर्घटना हो तो root causes पता करने के पश्चात यह देख लें कि कहीं workers को extra training कीआवश्यकता तो नहीं इसका निर्धारण अवश्य करें.इसके अलावा इस बात का भी ध्यान दें कि एक complete accident investigation में कई steps शामिल होते हैं और ज़रूरत पड़े तो सभी steps को follow करें.

f-Back ground investigation

g-Interviews

h-Analysis and reporting

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Background Investigation –

  • जो employee accident में घायल है उसके चोट के record कि समीक्षा करें.इसके अलावा उसकी भी समीक्षा करें जिसके कारण accident हुआ है.
  • Accident investigator को injuries, equipment damage, machine  damage के साथ property के क्षति की समीक्षा करें.
  • दुर्घटना में गवाहो के list को इकट्ठा करें.
  • जिस area में दुर्घटना हुआ है वहाँ के समान्य स्थिति के बारे में information को collect करें तथा अगर ज़रूरत पड़े तो map, floor plan, wiring diagram  और piping संबन्धित information को भी शामिल करें.
  • Supervisor और employees से मिलें जो affected area के लिए जिम्मेदार हैं और इसके साथ accident investigation के उद्देश्य का व्याख्या करें तथा यह देखें कि वहाँ जो काम कर रहे हैं उन्हे material से संबन्धित समझ के साथ,equipment के संचालन और काम के process के बारे में पूर्ण जानकारी है या नहीं.

Site Investigation-

1.जितना जल्दी हो सके accident के स्थान पर पहुँचे.

2.किसी भी व्यक्ति को दुर्घटना के स्थान पर जाने से रोंके.

3.देख लें कि दुर्घटना से छेड़-छाड़ करने के बाद आप के पास दिखने के लिए यह प्रयाप्त सबूत है जिससे आप कह सके की दुर्घटना के साथ छेड़-छाड़ हुआ है.

4.यह देख लें कि दुर्घटना के बाद कौन-कौन सा physical change किया जा सकता है.कहीं ऐसा तो नहीं परिवर्तन को साफ-सफाई करके weather को जिम्मेदार तो नहीं ठहराया जा सकता है.

5.पूरे area का दौरा करें और शुरुआत में जो situation दिख रहा है उसको record करें कि accident से छेड़-छाड़ की स्थिति में आप के पास प्रयाप्त सबूत रहे.इसके साथ site पर building, field, equipment, light, tools आदि का निरीक्षरण करें और हो सके तो सबूत के लिए photography कर लें.

6.जहाँ photography की अनुमति नहीं है वहाँ accident वाले parts को sketch करें जिसमे दुर्घटना में machine या equipment शामिल हो.Sketching या drawing करते समय निम्नलिखित बातों पर अवश्य ध्यान दें-

a.Sketch बनाने के लिए हमेशा square paper का प्रयोग करें.अगर distance और size या shape important है तो प्रत्येक square के value को तय करें और उसे paper के सबसे नीचे mention करें.

b.जहाँ आप को ज़रूरत लगे arrow के माध्यम से उसे ईशारा करें.

c.Accident में जितने object शामिल है उसका leveling करें.

d.जितने भी पाथ हैं चाहे वह व्यक्ति के लिए या vehicle के लिए उसे arrow के माध्यम से इंगित करें.

e.कार्य स्थल पर moveable object के distance को mention करें.

f.Accident के समय जो witness वहाँ उपलब्ध था उसके वहाँ उपस्थिती के location और time को accident investigation report में mention करें.

Interviews-

  • Accident के investigation के दौरान statement लेने के लिए witness के अलावा और कोई भी व्यक्ति है तो उसकी सूची तैयार करें.
  • Statement के लिए 24 hours से ज्यादा का समय न दें.
  • Statement लेने के लिए किसी भी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो इसके लिए place निर्धारित कर लें.
  • Statement लेने से पहले उस दुर्घटना से संबन्धित question को तैयार कर लें.कुछ प्रश्न को उदाहरण के माध्यम से नीचेबता रहा हूँ इसी तरह के question तैयार कर लें.
  • किस तरह के प्रश्न जो सभी party को involve करता है ?
  • क्या प्रश्न आप को पूछने चाहिए जो work, events और physical object को identify करता है?
  • Where से related जितने भी प्रश्न है जो participants को,witness को और key object का पता लगाते हों.
  • When से संबन्धित जितने भी प्रश्न से संबन्धित जो accident के समय को तय करते हैं और जो activity और event के बीच relation को दर्शाते हैं.
  • Why से संबन्धित जितने भी प्रश्न होते हैं वह unsafe act और hazards को ढूँढने में मदद करते हैं.
  • How  से संबन्धित जो प्रश्न होते हैं वो participants और उपकरण,घटनाओं के बीच दुर्घटना के बाद के संबंध को बताते हैं.
  • Statement लेने से पहले उस व्यक्ति ओ यह बताएं की statement इसलिए लिया जा रहा है की इसके root cause अर्थात मूल जड़ को पकड़ने के पश्चात भविष्य में कोई दुर्घटना न हो इसके लिए कदम उठाया जाये.
  • जब witnessका statement लें तो सबसे पहले यह पूछें कि आखिर वहाँ क्या हुआ था और आप ने क्या देखा?
  • जब witness के द्वारा पहले प्रश्न का जवाब मिल गया और आप संतुष्ट हो लें फिर दूसरा प्रश्न पूछें?
  • Witness के द्वारा जितने भी statement लें रहे हैं उसका record करें कि statement बदलने कि स्थिति में आप उसे सुना सकें.बीच-बीच में व्यक्तिगत बात करते रहें जिससे उसके मन का डर खत्म हो जाये और उसके बाद पुनः topics से संबन्धित प्रश्न कि तरफ लौटें.
  • जब सभी question का answer मिल जाए फिर interview को बंद कर दें.व्यक्ति जब अप को पूर्ण रूप से support करता है तो उसे प्रोत्साहित करें.जाते समय उसे बतायें अगर बाद में ज़रूरत पड़े तो आप से कुछ प्रश्न पूछे जा सकते हैं और आप को इसमें डरने जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए.

Analysis and Report-

जब सभी facts पता चल जाये तो accident के reason को पता करने के लिए सभी facts को analysis करें उसके बाद पहचान को निर्धारित करते हुये एक व्यापक report तैयार करें जिसमें future में accident न repeater न होने के कारण पूर्ण जानकारी हो.

Causes-

Direct Cost-

जो direct cause होता है वह यह होता है जिसमें चूक का सीधे दुर्घटना से संबंध हो.जिसमें workers या अन्य व्यक्ति शामिल हों.

a.Unsafe ढंग से किसी भी equipment conduct करना या ऐसे उकरणों का जान कर भी प्रयोग करना जो all ready defected हो.

b.जिस safety precaution और procedure कि ज़रूरत हो उसे जान बुझ कर न follow करना.

c.किसी भी equipment के damage को न पकड़ पाना और उसे operate करते रहना.

Indirect Cost –

Indirect cause एक ऐसा condition है जिसमें स्थितियाँ सीधे एक घटना में योगदान देती हैं.हाँ direct cause इन कारण में शामिल हो सकता है.

  • जब किसी भी damage equipment, machinery या vehicle को operate करने कि अनुमति प्रदान कर देना.
  • Workers को दोषपूर्ण स्थिति में काम करने के अनुमति प्रदान कर देना जैसे-नशा या शारीरिक दोष या मनोवैज्ञानिक दोष
  • मौसम के असमानय स्थिति में भी कम करने की अनुमति प्रदान कर देना.

सबसे पहले आप को यह देखना चाहिए की कहीं जो कार्य का program ,act और omission था वह वह कहीं accident से relate कर तो नहीं रहा है.इसके आगे यह भी देखना चाहिए होता है कि कहीं direct cause या indirect cause इसका कारण तो नहीं बन रहा है.इस कारणो मेन कमी भी accident का कारण बन सकती है.

इसे हम निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से समझने कि कोशिश करते हैं-

a. Management को चाहिए कि समय-समय पर safety program को organize करे.यह एक्सिडेंट रोकने का सबसे सफल method में से एक है.

b.कोई भी काम शुरू होने से पहले training program का organize करना चाहिए जिससे काम के safe procedure के बारे में पता चल सके और दुर्घटना पर विराम लग सके.

c.Accident से बचाव के तरीके का हमेशा अनुसरण करना चाहिए.

d.समय-समय पर corrective maintenance program को conduct कराना चाहिए.

e.प्रत्येक काम के लिए experience supervisor रखना चाहिए जो किसी भी काम को safe procedure में कराने के लिए proper training उपलब्ध कराये.

f.जब किसी भी accident का root causes पता हो जाये तो नियम बनाए और उसे लागू करें कि पुनः वह दुर्घटना भविष्य मे न हो सके.

g.कार्य शुरू होने से पहले यह देख लेना चाहिए कि जो काम है उसे संबन्धित tools,tackles या machinery उपलब्ध है या नहीं.

Analysis-

दुर्घटना से संबन्धित जितने भी data हैं पहले उसको collect करें.जितने भी materials हैं जो accident का कारक बने होते हैं उसे दूर करने का प्रयास करें.जो accident का कारण पता करने के लिए बड़ा उपयोगी होता है.जो accident investigator है उन्हे जाँच करने के लिए सभी प्रकार के information की ज़रूरत पड़ती है जिससे वह उस दुर्घटना का review कर सके.

अगर हम निम्नलिखित बिन्दुओं को के बारे में जान गए को किसी भी accident का ठीक ढंग से analysis कर सकते हैं-

a.जो workers चोटिल हुआ है उसके designation और उसके चोट का सारांश लिखें यानि उस accident का observation लिखना होता है.

b.जो workers चोटिल हुये हैं उनके training record का भी summary लिखना ज़रूरी होता है.

c.उसके बाद workers के normal condition के साथ उस area के बारे में विवरण लिखें जहाँ दुर्घटना हुयी है.

d.Investigator को description लिखने के दौरान safe operation के विवरण के साथ कौन सा material के साथ, कौन सा equipment और किस प्रकार के सुविधाए work के दौरान दी गई थीं.इसका भी description में उल्लेख होना चाहिए.

e.जो witness हैं उनके statement का summary लिखें तथा area के बीच जो रूप रेखा के साथ समझौता और असहमति के बारे में भी लिखना आवश्यक होता है.

Reporting-

Accident investigation का जो last बिन्दु होता है reporting होता है.या एक लिखित डाटा होता है जिसके माध्यम से हम निम्नलिखित बिन्दुओं को जानते हैं-

Statement of Problem –

इसके अंतर्गत निम्नलिखित बिन्दुओं को शामिल किया जाना चाहिए-

a.सबसे पहले accident का review शामिल होता है.

b.उसके बाद observation में हम injury,lost time, equipment और property damage को mention करते हैं.

Review of Data –

इसके अंतर्गत निम्नलिखित बिन्दुएँ आती हैं –

a.जो witness होते हैं उनकी बातों का सारांश लिखते हैं.

b.Accident और work history से संबन्धित का conclusion लिखते हैं उसके पश्चात जो effected employee है ,equipment और operation से संबन्धित सारांश को लिखते हैं.

c.

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