Write Effective Accident Report/Incident Reporting in Hindi –
Accident की जाँच करना और प्रभावित incident report तैयार करना किसी भी industry के लिए अनिवार्य विषय होता है. Organization के अन्दर जितनी भी accident/incident होता है उसको जाँच करने के लिए एक व्यवस्थित तरीका स्थापित करना चाहिए. चाहे दुर्घटना के रूप में near miss ही क्यों ना हो.
जब हम accident या incident को investigate करते हैं तो उस घटना या दुर्घटना से सम्बंधित जितने भी आवश्यक जानकारियाँ होती हैं, उस सभी को इस investigation में शामिल करने की अवश्यकता होती है.
Accident Investigation की प्रकिया को जब शुरू किया जाता है तो यह देखा जाता है कि आखिर दुर्घटना का root causes क्या है? जब यह पता करते हैं तो उस root causes के अनुसार अगर नए नियम की अवश्यकता होती है तो उसे बनाते हैं और उसे working site पर लागू करते हैं. जिससे भविष्य में होनी वाली इस तरह की दुर्घटना पर विराम लग सके.
किसी भी effective accident report /incident report लिखने में कुछ basic steps होते हैं, अगर उसका अनुसरण किया जाये तो effective accident report तैयार कर सकते हैं जो निमंलिखित हैं .
1. Respond Immediately –
जब कोई भी दुर्घटना होती है तो employees को चाहिए कि वह अपने supervisor को तुरंत इसके बारे में report करे. और supervisor की यह जिम्मेदारी होती है कि वह चोटिल हुए व्यक्ति को उचित चिकित्सा की अवश्यकता होती है या first-aid प्रदान करने से समस्या का समाधान हो जायेगा. फिर उसी के अनुसार वह इसे आगे बढ़ाये.
इसके अलावा उसे यह भी देखना होता है कि क्या अभी की कार्य स्थल पर खतरा उपलब्ध है जो वर्तमान समय में हुए चोट का कारण बना है तो इसे तुरंत समाप्त करने के लिए कदम उठाये. जब तक खतरे की सम्भावना खत्म ना हो जाये, तब तक वह कार्य शुरू करने की अनुमति ना प्रदान कर.
इसके लिए company के पास एक establish procedure होना चाहिए, तभी accident reporting को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सकता है.
2. Search Fact by Investigating Team –
जितनी भी procedure होते हैं, जिन्हें तत्काल पूरा करना आवश्यक होता है उसे पूरा करने के पश्चात् एक investigating team के द्वारा उस working site को जहाँ दुर्घटना हुई है उसे जाँच करना आवश्यक होता है. और यह प्रकिया घटना के तुरंत बाद की जानी चाहिए. क्योंकि जो लोग इस accident से प्रभावित होते हैं या जिन्होंने accident देखा होता है वह विचलित होते हैं और कार्य के दौरान खुद को concentrate नहीं कर पाते हैं. और जो investigating team होती है उन्हें motivation प्रदान करती है.
Investigation team के द्वारा निम्नलिखित बिन्दुओं को जानने की जानने की अवश्यकता होती है –
- सबसे पहले incident/accident के date, समय और स्थान जानना होता है.
- घटना की चपेट में आये व्यक्तियों के नाम, उनका designation और जितने भी व्यक्ति घटना की चपेट में आये हैं उनका department और उस कार्य स्थल पर कौन सा supervisor है, इसके बारे में पता करना होता है.
- जो incident के जो witness हैं उनके नाम और उनका designation और department क्या है?
- जब दुर्घटना हुई उस समय चपेट में आने वाला व्यक्ति कौन सी activity कर रहा है या उपस्थित व्यक्ति क्या कर रहे थे.
- वहाँ के environment condition जैसे – Slippery surface, spill material, unwanted material, inadequate lighting आदि को भी देखना होता है.
- परिस्थितियाँ के साथ किस तरह के कार्य का संचालन किया जा रहा था, उससे सम्बंधित उपकरण थे या नहीं, पर्याप्त tools थे या नहीं, material और PPE की स्थिति क्या थी.
- Injury क्या थी और उसका treatment किस प्रकार दिया जा रहा था.
- जहाँ दुर्घटना हुई थी उस कार्य स्थल पर कितने equipment damage हुएक्या वह अभी कार्य स्थल पर उपलब्ध थे और कितना material का नुक्सान हुआ यह भी देखता होता है. जो direct cost और indirect cost को निकालने में सहयोग करता है.
3. Analyze –
जब आप कैसे को पता कर लेंगे तो आप को पता क्यों के वारे में जानना चाहिए. क्योंकि जब site पर दुर्घटना रोकने के लिए effective plan बनायेगें तो उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसमें निमं कारण शामिल होंगें.
a. Primary Cause –
अगर workplace पर कोई भी liquid spill किया है या unwanted material पड़ा है तो यह slip या trip या फिर fall का कारण बन सकता है.
b. Secondary Cause –
जब employee काम कर रहा है तो उसने उचित PPE नहीं पहन रखा है या फिर किसी भी समाना का manual handling कर रहा है जो दृष्टि को अवरुद्ध कर रहा है तो यह दुर्घटना का कारण हो सकता है.
c. Other Contributing Factor –
अगर working site पर lighting system सही नहीं तो यह भी एक दुर्घटना का कारण हो सकता है. प्रकाश की बहुत अधिकता या फिर प्रकाश की कमी दोनों परिस्थिति दुर्घटना उत्पन्न कर सकती है.
Complete Corrective Action Plan –
अगर कोई दुर्घटना हुई है और accident investigation पूर्ण कर लिया गया है अर्थात root causes को जान लिया गया है तो जितना जल्दी हो सके corrective action plan शुरू कर देना चाहिए, हो सकता है यह लम्बा चले और इसके बाद कहीं इसका परिणाम देखने को मिले.
इसे कुछ उदाहरण के माध्यम से समझते हैं –
- जितने भी workers काम कर रहे होते हैं उन्हें safe work practice की training उपलब्ध कराने के पश्चात् ही काम ही जिम्मेदारी उन्हें सौंपना चाहिए अर्थात कार्य संचालन करने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए.
- अगर हम किसी भी equipment का रख रखाव ठीक से करते हैं तो वह दुर्घटना का कारण नहीं बनता है.
- अगर कार्य के संचालन में किसी भी प्रकार का परिवर्तन किया गया है तो उस कार्य का मूल्यांकन करते रहना होता है कि क्या पहले की अपेक्षा और सुरक्षित तरीके से कार्य हो रहा है या नहीं.
- कार्य के दौरान job hazards analysis का संचालन करना महत्वपूर्ण होता है जो कार्य के दौरान खतरे का evaluate करता है और जिस तरह के खतरे दिखते हैं उनके प्रति employees को training प्रदान किया जाता है.
- अगर जहाँ कार्य के दौरान engineering changes या फिर administration परिवर्तन की अवश्यकता होती है तो कार्य को सुरक्षित करने के लिए यह करते हैं. इसमें कार्य करने का जो भी procedure होते हैं उसमें परिवतर्न भी शामिल हो सकता है.
Conclusion –
किसी भी कार्य स्थल पर जब भी दुर्घटना होता है तो effective accident report लिखने की आवश्यकता होती है. जब तक यह प्रभावी ढंग से नहीं लिखेंगें तब तक हम उन कमियों को दूर नहीं कर पायेगें जो दुर्घटना का कारण बना है. इसलिए लिखते समय सावधानी बरतने की अवश्यकता होती है. अन्यथा अगर कहीं से कोई बिंदु छुट जायेगा तो वह दुर्घटना का कारण बन सकता है.
Effective accident report लिखना इतना आसन नहीं होता है इसके लिए accident को प्रत्येक angel से जांचने की अवश्यकता होती है, तब जाकर हम कहीं एक प्रभावी दुर्घटना report तैयार कर सकते हैं
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